जिले में नशे की बुराई को प्रभावी ढंग से खत्म करने के मकसद से डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने सोमवार को सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक, खेल संस्थाओं और गैर-सरकारी संगठनों को पंजाब सरकार की 'युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान के तहत प्रशासन का साथ देने का आह्वान किया।
ज़िला प्रशासकीय कॉम्प्लेक्स में सिविल, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान डिप्टी कमिश्नर आशिका जैन ने नशे से निपटने के लिए प्रयास और तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा नशों की गिरफ्त में आ चुके व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए पूरी सहायता और सहयोग प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नशा छुड़ाओ केंद्रों, पुनर्वास केंद्रों और ओट क्लीनिकों में सभी आवश्यक प्रबंध और सुविधाएं उपलब्ध हैं। आशिका जैन ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों, काउंसलरों और निरंतर दवाइयों की मदद से नशा प्रभावित व्यक्ति नशा छोड़कर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं और पुनर्वास केंद्रों में नशों के जाल में फंसे लोगों के स्व-रोजगार स्थापना के लिए कई उपयोगी गतिविधियों का प्रबंध है।
संबंधित विभागों में आपसी तालमेल पर जोर देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि 'युद्ध नशे के विरुद्ध' का उद्देश्य इस सामाजिक बुराई से छुटकारा पाना है, जिसमें शिक्षा और जागरूकता गतिविधियां अहम भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों की टीमों को सभी भाइयों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, खासकर युवाओं को खेलों की ओर प्रेरित करने के लिए जागरूकता गतिविधियां आयोजित करनी चाहिए ताकि उनकी असीम ऊर्जा का सकारात्मक ढंग से उपयोग किया जा सके।
डिप्टी कमिश्नर ने नशे के खिलाफ रोकथाम योजनाओं और कार्यवाही में और तेजी लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. हरबंस कौर ने जिले में चल रहे 20 नशा छुड़ाओ केंद्र, 60 बिस्तरों वाले पुनर्वास केंद्र, 15 ओटी क्लीनिकों में भविष्य की आवश्यकताओं और मौजूदा बुनियादी ढांचे एवं प्रबंधों के बारे में डिप्टी कमिश्नर को अवगत कराया।
एस.एस.पी. संदीप कुमार मलिक ने पुलिस अधिकारियों को संबंधित विभागों के सहयोग से 'युद्ध नशे के विरुद्ध' मुहिम के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने की हिदायत दी। बैठक में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर निकास कुमार, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।