Tuesday, 02 July 2024

 

 

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पुलिस महानिदेशक ने की फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक

लंबित मामलों का निपटारा जल्द करने को लेकर अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश, क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर दिया बल

Haryana Police, Shatrujeet Kapur, Haryana, Director General of Police Haryana, DGP Haryana
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5 Dariya News

चंडीगढ़ , 07 Jun 2024

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर ने प्रदेश में स्थापित की गई फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) में लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि एफएसएल में मौजूदा स्टॉफ की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया और एफएसएल के अधिकारियों को अलग-अलग पैरामीटर के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए।

क्षमता निर्माण पर फोकस

श्री कपूर ने कहा कि एफएसएल में आने वाले नमूने पर कम समय लगे इसे लेकर अतिरिक्त मैनपॉवर तथा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस उपकरण उपलब्ध करवाये जाएंगे। इससे विशेषज्ञों की काम को लेकर आउटपुट बढ़ेगी। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि वे औद्योगिक अभियांत्रिकी के सिद्धांत पर प्रक्रियाओं का अध्ययन करें और जहां संभव हो सहकर्मी स्टाफ की संख्या बढ़ाना तथा नई तकनीक के उपकरण उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।

उन्होंने अधिकारियों को जांच के लिए नमूने एकत्रित करने से लेकर इसके परिणाम आने तक की पूरी प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिए कहा। बैठक में बताया गया कि जल्द ही एफएसएल में नए स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी जिससे जांच की प्रक्रिया पहले की अपेक्षा तेज होगी।

बंपर भर्तियों से सशक्त हो रहा एफएसएल

बैठक में बताया गया कि एफएसएल को जल्द ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 53 वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक तथा वैज्ञानिक सहायक के पद पर भर्ती की जा रही हैं जिसकी भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसके अलावा, हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से 135 वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक, वैज्ञानिक सहायक तथा प्रयोगशाला सहायक की भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

इनमें से 14 कर्मचारियों ने ज्वाइन कर लिया है और अन्य पदों के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के माध्यम से 23 वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारियों की चयन परीक्षा इस महीने आयोजित की जा रही है। इसके साथ ही साइबर फॉरेंसिक यूनिट के लिए 155 पद और सृजित किए गए हैं जिनकी सरकार द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और जल्द ही इन पदों पर भर्ती की जाएगी ।

नए कानून के मुताबिक एफएसएल करे काम

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान में मोबाइल फॉरेंसिक साइंस यूनिट 23 टीमें अलग-अलग जिले में कार्यरत है जो घटनास्थल पर जाकर नमूने एकत्रित करती है। उन्होंने कहा कि नए कानून के अनुसार 7 साल से अधिक सजा वाले मामलों में घटनास्थल पर सीन ऑफ क्राइम टीम का विजिट करना अनिवार्य है। उन्होंने बैठक में उपस्थित उप निदेशकों को निर्देश देते हुए इसकी पालना सुनिश्चित करने के लिए कहा।

दो शिफ्टों में कर्मचारियों की लगा सकते हैं ड्यूटी, बढ़ेगा रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड

वर्तमान में प्रदेश में 5 एफएसएल लैब है जहां पर नमूनों की जांच करते हुए रिपोर्ट तैयार की जाती है। उन्होंने कहा कि एफएसएल द्वारा की गई जाने वाली जांच में विशेषज्ञों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, ऐसे में विशेषज्ञ तथा सहयोगीकर्मी एक बेहतर तालमेल के साथ काम करें। उन्होंने नमूने एकत्रित करने उपरांत इनकी रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इसके लिए अधिकारी स्टॉफ की दो शिफ्टों में भी ड्यूटी लगा सकते हैं। इसके अलावा, नमूनों की जांच के लिए नए उपकरण खरीदे जाने को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। श्री कपूर ने कहा कि अधिकारी जांच प्रक्रिया के दौरान रिपोर्टिंग के स्टैंडर्ड को भी बढ़ाने की दिशा में काम करें। प्रत्येक रिपोर्ट की स्टडी उच्चतम श्रेणी की होनी चाहिए। इसे लेकर अधिकारी एक उच्च कोटि का खाका (टेंपलेट) भी तैयार कर सकते हैं ताकि रिपोर्टिंग के स्तर में सुधार किया जा सके।

साइबर विशेषज्ञों की टीम भी होगी अपग्रेडिड

बैठक में जिलों में साइबर एक्सपर्ट्स द्वारा किए जाने वाले कार्यों को लेकर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि जिलों में वारदात आदि होने पर डेटा निकालने, वीडियो एनालिसिस, सीसीटीवी फुटेज, रिकॉर्डिंग आदि सहित कई तथ्यों की पड़ताल की जाती है। ऐसे में जिलों में साइबर एक्सपर्ट्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। श्री कपूर ने कहा कि जिलों में साइबर एक्सपर्ट्स की कैपेसिटी बिल्डिंग करें ताकि जांच संबंधी रिपोर्ट जिलों में ही तैयार की जाए। इसके लिए नए उपकरणों तथा सॉफ्टवेयर आदि को भी शामिल करें।

मादक पदार्थों के निस्तारण के लिए एनएफएसयू तथा डीएनए संबंधी मामलों के लिए सीडीएफडी के साथ एमओयू

एनडीपीएस एक्ट के तहत बरामद किए जाने वाले मादक पदार्थों के निस्तारण के लिए नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी(एनएफएसयू) अहमदाबाद तथा हरियाणा सरकार द्वारा समझौता किया गया है जिससे अब एनडीपीएस संबंधी मामलों का निस्तारण पहले की अपेक्षा जल्दी हो सकेगा। इसी प्रकार, डीएनए आदि संबंधी मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोस्टिक्स (सीडीएफडी) के साथ समझौता किया जा रहा है।

उन्होंने मुख्य रूप से अधिकारियों को तीन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। पहला विजिबल लंबित मामलों की सूची, दूसरा जिन्हें पेंडेंसी में काउंट नहीं किया गया है तथा तीसरा नमूनों की जांच रिपोर्ट जल्दी तैयार हो जाए। उन्होंने कहा इस पूरी प्रक्रिया में क्षमता निर्माण की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, अधिकारी यह भी मंथन करें कि मौजूदा कार्यप्रणाली में किस प्रकार के बदलाव करते हुए उन्हें और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

इस दौरान बैठक में एफएसएल के डायरेक्टर एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साइबर ओपी सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आधुनिकीकरण अमिताभ ढिल्लो, एआईजी प्रोविजनिंग कमलदीप गोयल सहित एफएसएल के उप निदेशक व अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

Expediting Case Resolutions at Haryana's FSL: DGP Kapur's Strategic Review

Haryana FSL Set for Major Upgrades: New Recruits, Equipment, and Protocols

 

Chandigarh

Haryana Director General of Police, Sh. Shatrujeet Kapur, reviewed the timely resolution of pending cases at the state's Forensic Science Laboratories (FSL) with senior officers, focusing on capacity building, filling scientific staff vacancies, streamlining processes, and implementing a two-shift duty system to enhance report turnaround times.

Focus on Capacity Building

The meeting took place at the Sector-6 police headquarters here today. Senior police officers and FSL deputy directors from across the state attended meeting. Sh. Kapur stressed the importance of reducing the time required to process samples by providing additional manpower and equipping the labs with state-of-the-art technology.

This, he noted, would increase the output of the specialists. He directed officers to study processes based on industrial engineering principles and ensure the availability of new technology and equipment wherever possible.

He also urged them to review the entire procedure from sample collection to the delivery of results. It was announced that new staff would soon be appointed to expedite the investigation process.

Strengthening FSL through Major Recruitments

During the meeting officers apprised that 53 positions for Senior Scientific Assistants and Scientific Assistants are being filled through the Haryana Staff Selection Commission, with the recruitment process in its final stages.

Additionally, 135 positions for Senior Scientific Assistants, Scientific Assistants, and Laboratory Assistants are being processed through the Haryana Kaushal Rozgar Nigam, with 14 already joined and document verification ongoing for others.

Moreover, a selection exam for 23 Senior Scientific Officers will be conducted this month via the Haryana Police Housing Corporation. The government has also approved 155 new positions for the Cyber Forensic Unit, with recruitment set to commence soon.

Currently, 23 mobile forensic science units are operational across various districts, collecting samples from crime scenes. As per the new law, the Scene of Crime Team must visit crime scenes in cases where the punishment exceeds seven years. Sh. Kapur instructed the deputy directors present to ensure strict compliance with this mandate.

Improving Reporting Standards with Two-Shift Duty System

There are five FSL labs in the state where samples are analyzed and reports are prepared. Sh. Kapur highlighted the critical role of experts in these investigations and the necessity for teamwork between specialists and support staff.

To expedite report preparation, he suggested implementing a two-shift duty system for staff. Discussions also covered the procurement of new equipment for sample analysis. He urged officers to enhance reporting standards and develop a high-quality template to improve the quality of reports.

Upgrading Cyber Experts’ Capabilities

The meeting also focused on the crucial roles played by cyber experts in the districts, particularly in retrieving data, analyzing videos, and examining CCTV footage and recordings. Sh. Kapur emphasized the need for capacity building among cyber experts to ensure that investigation-related reports can be prepared at the district level, incorporating new equipment and software as needed.

MoU with NFSU and CDFD

A significant development discussed was the MoU between the National Forensic Science University (NFSU), Ahmedabad, and the Haryana Government for the disposal of narcotics seized under the NDPS Act, aimed at expediting the resolution of such cases. Similarly, an MoU with the Centre for DNA Fingerprinting and Diagnostics (CDFD) is in the final stages to expedite DNA-related case resolutions.

Sh. Kapur directed officers to focus on three key areas: creating a visible list of pending cases, addressing uncounted cases, and ensuring swift preparation of sample analysis reports. Capacity building was identified as crucial, along with considering improvements in existing procedures to enhance their effectiveness.

The meeting was attended by FSL Director and Additional Director General of Police (Cyber) O.P. Singh, Additional Director General of Police (Modernization) Amitabh Dhillon, AIG Provisioning Kamaldeep Goyal, along with FSL’s deputy directors and other officials.

 

Tags: Haryana Police , Shatrujeet Kapur , Haryana , Director General of Police Haryana , DGP Haryana

 

 

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