आध्यात्मिक पहलुओं पर विचार चर्चा करने के लिए आर्यन्स ग्रुप ऑफ कालेजिस के कैम्पस में एक विशेष सेशन आयोजित किया गया। जिसमे राजस्थान के माउंट आबू , महाराष्ट्र तथा राजपुरा से ब्रहमकुमारियों की टीमें विशेष रूप से इसके लिए कैम्पस में पहुंची। टीम ने छात्रों के साथ आध्यात्मिक, धार्मिक तथा जिंदगी जीने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर बोलते हुए माउंट आबु से ब्रहमकुमारियों की मुखी गीता दीदी ने छात्रों को तनाव मुक्त जीवन जीने के ढंग, लीडरशिप का हुनर, भावनाओं पर काबू रखने का हुनर, सही सोचने की कला, अपने अंदर की शक्ति को पहचानने की कला तथा राज्ययोग साधना की वास्तविक तकनीकों के बारे में जानकारी दी।महाराष्ट्र की सेंटर इंचार्ज अनीता दीदी ने बताया कि किस तरह हम अपने सोचने के ढंग में मामूली बदलाव करके अपने जीवन कि बदल सकते हैं।
उन्होने छात्रों से सवाल किया कि ऐसे कितने छात्र है जो इस समय अपनी दिनचर्या के कामों के बारे में सोच रहे है। तकरीबन सभी छात्रों ने अपने हाथ खड़े किए। इस पर अनीता दीदी ने कहा हम सारे अक्सर ही अपने भूतकाल या भविष्य के बारे में सोचते रहते है। जबकि अपने वर्तमान पर हम ध्यान ही नहीं देते। उन्होने कहा कि हम अक्सर यह मान लेते है कि हमारा आओनी सीएच पर काबू नहीं है परंतु ऐसा नहीं है, अगर हम चाहे तो अपनी सोच पर काबू रख सकते है।उन्होने कहा कि हमें कब, क्या और कैसे सोचना है इसका सीधा संबंथ आध्यात्मिकता के साथ है। सोचने कि ऊर्जा का सही इस्तेमाल करके ही हम अपना जीवन शांतमई एवं खुशहाल बना सकते है।
इस अवसर पर राजपुरा की सेंटर इंचार्ज मेडम चंचल जटाणा और डॉक्टर रामा ने छात्रों को अपनी शुभइच्छाए देते हुए कहा कि सच्चाई, शांति और प्यार कि भावना से ही हम अपने समाज की बेहतरी कर सकते है। उन्होने आध्यात्मिक ज्ञान तथा राज्ययोग साधना की लगातार प्रेक्टिस पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस से ही हम अपने आप में और अपने समाज में सदभावना ला सकते है।अंत में प्रो बीएस सिधु रजिस्ट्रार आर्यन्स ग्रुप ऑफ कालेजिस चंडीगढ़ ने ब्रहमकुमारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसे सेशन आज के समय कि जरूरत है। उन्होने कहा कि ऐसी शिक्षायों कि आजकल कि नौजवान पीड़ी को बेहद ज्यादा जरूरत है। ऐसी शिक्षायों से छात्रों में स्करात्मक मानसिकता का प्रवाह तेज होता है।