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तिवारी ने तोड़ी चुनावी मर्यादाएं, अहंकार भरा रहा उनका चुनाव प्रचार : संजय टंडन

तिवारी करते हैं मुद्दाविहीन राजनीति, बातों से मुकरना, झूठ बोलना और माफी मांगना ट्रैक रिकार्ड

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चंडीगढ़ 30-May-2024

भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन ने कांग्रेस प्रत्याशी को आड़े हाथों लेते हुए उन पर चुनावी मर्यादा तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तिवारी ने चुनाव प्रचार के दौरान सभी मर्यादाओं को लांघा है और जुमलों के साथ जनता को गुमराह किया है। उनका पूरा चुनाव प्रचार अहंकार पर आधारित था। जबकि उन्होंने खुद 50 दिन के चुनाव प्रचार में कभी भी मर्यादा नहीं लांघी।

गुरुवार को प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन ने कांग्रेस प्रत्याशी मनीष तिवारी के 56 सवालों का 56 उपलब्धियों के जरिये करारा जवाब दिया। संजय टंडन ने तिवारी को चुनौती दी कि रंगीन चश्मा उतारकर देखेंगे तो चंडीगढ़ में विकास नजर आएगा। टंडन यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में 550 करोड़ की लागत से वर्ल्ड क्लास स्टेशन बन रहा है, वह उनके टूर का इंतजाम कराते हैं, वे वहां जाकर विकास कार्यों को देख सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि यह विकास कार्य उस 10 साल की अवधि के दौरान हुए हैं, जिसमें वह एक संसदीय क्षेत्र से दूसरे में पलायन कर रहे थे। तिवारी केवल मुद्दाविहिन राजनीति करते हैं, इसके चलते उनकी खुद की पार्टी और सहयोगी दल के नेता साथ छोड़ रहे हैं। तिवारी का ट्रैक रिकार्ड बातों से मुकरना, झूठ बोलना और माफी मांगना है।

मीडिया से बातचीत करते हुए संजय टंडन ने तिवारी पर हमला बोला कि कांग्रेस नेताओं के साथ छोड़ने से वे बौखलाए हुए हैं, इसलिए वे ट्वीटर पर अपनी बौखलाहट निकालते हैं। 40 साल वह चंडीगढ़ से बाहर रहे हैं, इसलिए उन्हें चंडीगढ़ में हुआ विकास और बदलाव नजर नहीं आ रहा है। स्टेट्स मैन तिवारी को चंडीगढ़ की जनता पहली जून को स्टेट्स दिखा देगी। उन्होंने कहा कि तिवारी अहंकार से भरे हुए हैं। उनके पिता बलरामजी दास टंडन के बारे भी उन्होंने अनाप-शनाप टिप्पणी की, यह दर्शाता है कि तिवारी की मनोस्थिति क्या है। 

टंडन ने तिवारी के बार-बार सवाल करने पर करारा जवाब दिया कि उन्हें सवाल के साथ लुधियाना और श्री आनंदपुर साहिब में किए गए विकास कार्यों को भी जवाब देना चाहिए। चंडीगढ़ की जनता जानना चाहती है कि वह तिवारी को किस आधार पर वोट दें, क्योंकि उनका विकास नहीं, बल्कि पलायन आधार रहा है। वे चंडीगढ़ में केवल एक राजनीतिक पर्यटक के तौर पर आए हैं।

झूठ बोलना और बातों से मुकरना तिवारी का ट्रैक रिकार्ड 

संजय टंडन ने तिवारी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि झूठ बोलना और बातों से मुकरना उनका ट्रैक रिकार्ड रहा है। इसी के चलते कांग्रेस हाईकमान के शीर्ष नेताओं ने तिवारी के चुनाव प्रचार से किनारा किया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चंडीगढ़ आते हैं, आलीशान होटल में बैठक करते हैं। मगर मनीष तिवारी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करते। 

वहीं उनके सबसे बड़े स्टार प्रचारक राहल गांधी पंचकूला आते हैं, लेकिन तिवारी के लिए प्रचार में आए। इसके साथ ही कांग्रेस के अन्य नेता चंडीगढ़ जरूर आए, परंतु तिवारी के पक्ष में प्रचार नहीं किया। प्रियंका गांधी की जनसभा में जिस तरह से उन्होंने शहर के स्थानीय वरिष्ठ नेता को अहंकार के साथ धमकाया, वह दर्शाता है कि तिवारी में सामाजिक संस्कारों की कमी है। यही नहीं हरियाणा के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा न उनके चुनाव प्रचार में आने इंकार दिया और जब वे आए तो मनीमाजरा में उनकी जनसभा को बीच में छोड़कर तिवारी आए गए।

केजरीवाल की तरह माफी मांगते हैं तिवारी 

भाजपा उम्मीदवार ने तिवारी को केजरीवाल की उपाधि देते हुए कहा कि झूठ बोलना और बातों से मुकरना उनकी खासियत है। अन्ना हजारे पर जब तिवारी ने ब्यान दिया तो किरकिरी होने पर माफी मांगी। वह माफी मांगने में एक्सर्पट हैं। ट्वीटर पर भी वह अनाप-शनाप टिप्पणियां करते हैं, लेकिन जब किरकिरी होती है तुरंत उसे हटाते हुए माफी मांग लेते हैं।

जब संजय टंडन ने दागे तिवारी पर सवाल

संजय टंडन ने तिवारी से सवाल किया कि चंडीगढ़ की जनता जानना चाहती है कि उन्होंने लुधियाना और श्री आनंदपुर साहिब क्यों छोड़ा। जनता का यह भी सवाल है कि जब वे श्रीआनंदपुर साहिब से लापता हुए और उनके गुमशुदगी के इनाम सहित पोस्टर लगे, तब वे कहां थे और दोनों संसदीय क्षेत्र में क्या विकास कार्य कराए। चंडीगढ़ की जनता यह भी जानना चाहती है कि जब उनका वोट लुधियाना में है तो उन्हें लुधियाना को क्यों छोड़ा। तिवारी यह भी बताएं कि जब कोरोना काल था, तब वे कहां थे। उन्होंने वैक्सीन लगवाई है या नहीं, फ्री में वैक्सीन लगवाने पर क्या उन्होंने पीएम का आभार जताया।

कांग्रेस ने संविधान के साथ किया खिलवाड़

संजय टंडन ने तिवारी पर संविधान बचाने की दुहाई देने वाले बयान पर पलटवार किया कि कांग्रेस ने सबसे ज्यादा संविधान के साथ खिलवाड़ किया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975-77 तक देश में आपातकाल लगाया, क्या तब संविधान की उल्लंघना नहीं हुई। लोकसभा चुनावों को रोका गया और मीसा के तहत हजारों लोगों को जेल में डाला गया, उनके पिता बलरामजी दास टंडन को भी जेल में डाला गया, यही नहीं उन्हें मिलने तक भी नहीं दिया जाता था। 

जब सिखों का नरसंहार हुआ, क्या तब संविधान की उल्लंघना नहीं हुई। अब कांग्रेस किस मुंह से संविधान बचाने की बात कर रही है। यही नहीं जब डोकलाम में चीन के साथ विवाद हुआ तो कांग्रेस नेता चाइनीज नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे, तब संविधान की मर्यादा इन्हें ध्यान नहीं आई।

कांग्रेस के पास न नीति, न नियत और न नेता 

संजय टंडन ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि इनके पास न नेता है, न नीति है और न ही इनकी नीयत है। इंडी गठबंधन केवल भ्रष्टाचारियों की जमात है। भ्रष्टाचार के चलते कांग्रेस 300 सीटों पर भी चुनाव नहीं लड़ रही है। इस बार कांग्रेस 50 सीटों पर सिमट जाएगी। वहीं बीएसपी को भाजपा की बी टीम बताने वाले तिवारी को टंडन ने जवाब दिया कि सब जानते हैं कि बीएसपी किसी बी टीम है और किसके इशारे पर काम करती है।