5 Dariya News

जम्मू-कश्मीर के सभी 20 जिलों के किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का विस्तार किया गया

पीएमएफबीवाई प्राकृतिक आपदाओं और बेमौसम बारिश से होने वाली फसल के नुकसान हेतु कवरेज प्रदान करेगी : मनोज सिन्हा

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जम्मू 24-Feb-2023

किसानों के कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के सभी 20 जिलों के किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का विस्तार किया है। स्कास्ट जम्मू में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के विस्तार के शुभारंभ समारोह में बोलते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि यह योजना प्राकृतिक आपदाओं और बेमौसम बारिश से होने वाली फसल के नुकसान के खिलाफ व्यापक कवरेज प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा “पहल किसानों की आय को स्थिर करेगी, उन्हें जलवायु आपदा से पर्याप्त बीमा सुरक्षा के साथ नवीन प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। मैं सभी किसानों से पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठाने का आग्रह करता हूं।” 

उल्लेखनीय है कि माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेहनती किसानों को प्रकृति की मार से बचाने के लिए शुरू की गई पीएमएफबीवाई पहले किसानों के केवल चार जिलों के लिए उपलब्ध थी। उपराज्यपाल ने कहा कि यूटी में पीएमएफबीवाई के कार्यान्वयन से जम्मू कश्मीर में कृषि परिदृश्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और प्रगतिशील वातावरण बनाने में यूटी प्रशासन के प्रयासों का भी पूरक होगा।

पीएमएफबीवाई के कार्यान्वयन में प्रासंगिक जानकारी और पारदर्शिता का उचित प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा। फसल बीमा मोबाइल ऐप, बीमा कंपनी का टोल फ्री नंबर किसानों को नुकसान के बारे में रिपोर्ट करने की सुविधा प्रदान करेगा।

उपराज्यपाल ने पिछले 30 महीनों में जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में शुरू किए गए कृषि सुधारों पर भी प्रकाश डाला। उपराज्यपाल ने कहा कि किसानों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यूटी प्रशासन ने समावेशी विकास की दृष्टि को आकार देने के लिए कृषि, बागवानी और संबद्ध क्षेत्रों में बड़े फैसले लिए हैं। 

मुझे विश्वास है कि कृषि और संबद्ध क्षेत्र जम्मू कश्मीर के समृद्ध भविष्य का मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए 5013 करोड़ रुपये की लागत वाली 29 परियोजनाएं कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित सभी मुद्दों का एक एकीकृत समाधान प्रदान करेंगी, जिससे बर्बादी कम होगी और उत्पादन बढ़ेगा।

उपराज्यपाल ने कहा कि समग्र कृषि विकास योजना के सावधानीपूर्वक कार्यान्वयन के साथ, हम कृषि क्षेत्र में 12 प्रतिषत की वृद्धि हासिल कर सकते हैं। जम्मू कश्मीर देश का पहला क्षेत्र है जहां इतने बड़े पैमाने पर कृषि सुधारों का प्रयास किया जा रहा है। 

उपराज्यपाल ने कहा कि हमारा प्रयास कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करना, किसानों के लिए विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना और नए कृषि व्यवसाय उद्यमों की स्थापना की सुविधा प्रदान करना है।

उपराज्यपाल ने बड़ी संख्या में किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कृषि उत्पादन और संबद्ध विभागों की सराहना की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को किसानों की आय के मामले में नंबर एक क्षेत्र में बदलने के लिए समर्पित और सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया और सरकारी नीतियों के कार्यान्वयन में लोगों की भागीदारी की मांग की। 

उपराज्यपाल ने लोगों के हितों की रक्षा हेतु प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि समृद्ध समाज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे और सेवाओं को मजबूत करने हेतु नागरिकों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। 

प्रगतिशील किसानों ने भी जम्मू-कश्मीर में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य से सरकार के हस्तक्षेप पर अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर कृषि उत्पादन विभाग ने जम्मू-कश्मीर के किसानों को अच्छी गुणवत्ता प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर उपराज्यपाल द्वारा एचएडीपी के तहत 29 परियोजनाओं पर माइलस्टोन रिपोर्ट और समग्र कृषि विकास योजना के लोगो और एक कॉफी टेबल बुक ‘‘विहान‘‘ का विमोचन भी देखा गया। जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों के लिए सिंचाई कार्यक्रम 2023-24 जारी किया गया, इसके अलावा राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत लाभार्थी उद्यमियों को स्वीकृति पत्र सौंपे गए।

किसानों की जागरूकता और उनकी सफलता की कहानियों को बढ़ावा देने हेतु कृषि उत्पादन विभाग का एक समर्पित ल्वनज्नइम चैनल भी लॉन्च किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि उत्पादन विभाग अटल डुल्लू, वाइस चांसलर स्कास्ट-जम्मू प्रो. नजीर अहमद गनई,  विभागायक्ष, वरिष्ठ अधिकारी, किसान सलाहकार बोर्ड के सदस्य और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।